कानपुर में मातृत्व की शक्ति: बेटी की रक्षा में उठाया गया कठोर कदम
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जो मातृत्व की शक्ति और संरक्षण की भावना को दर्शाती है। चौबेपुर थाना क्षेत्र की एक विधवा महिला ने अपनी 13 वर्षीय बेटी की गरिमा की रक्षा के लिए अपने प्रेमी की हत्या कर दी।
चार साल का विश्वास टूटा
रौतापुर गांव की इस घटना में गोरेलाल नामक व्यक्ति का चार साल से एक विधवा महिला के साथ प्रेम संबंध था। महिला के पांच बच्चे हैं और वह अकेली अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही थी। प्रारंभ में गोरेलाल ने परिवार का सहारा बनने का भरोसा दिया था।
अधर्म के विरुद्ध न्याय
समय के साथ गोरेलाल की मानसिकता बदल गई। उसने महिला पर दबाव बनाना शुरू किया कि वह अपनी नाबालिग बेटी से उसके गलत संबंध बनवाए। जब महिला ने इनकार किया तो उसने बेटे की हत्या की धमकी दी।
डीसीपी दिनेश त्रिपाठी के अनुसार, 31 अक्टूबर की रात महिला ने अपने भतीजे के साथ मिलकर गोरेलाल को शराब पिलाकर हत्या कर दी। शव को जंगल में दफना दिया गया।
सत्य का उजागर होना
गोरेलाल के लापता होने पर 2 नवंबर को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस की जांच के दौरान महिला के व्यवहार में संदेह की वजह से सच्चाई सामने आई। 50 दिन बाद जंगल से कंकाल बरामद किया गया।
पूछताछ में महिला ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसने अपनी बेटी की गरिमा की रक्षा के लिए यह कदम उठाया। उसे अपने निर्णय पर कोई पछतावा नहीं था।
न्याय की राह
पुलिस ने महिला और उसके भतीजे को गिरफ्तार कर लिया है। एक अन्य सहयोगी की तलाश जारी है। यह घटना समाज में बाल संरक्षण की आवश्यकता और मातृत्व की शक्ति को दर्शाती है।
यह मामला दिखाता है कि जब न्याय व्यवस्था धीमी हो तो कभी-कभी व्यक्ति अपने हाथ में न्याय ले लेता है। हालांकि कानूनी रूप से यह गलत है, लेकिन मानवीय संवेदनाओं की दृष्टि से यह समझा जा सकता है।