भारत का सेवा व्यापार अधिशेष FY26 में 205 अरब डॉलर तक पहुंचेगा
भारत का सेवा व्यापार अधिशेष वित्त वर्ष 2026 में 205-207 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो अमेरिकी टैरिफ के बावजूद एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।

भारतीय सेवा क्षेत्र की वैश्विक बाजार में बढ़ती हिस्सेदारी का प्रतीकात्मक चित्र
वित्त वर्ष 2026 में भारत का सेवा व्यापार प्रदर्शन
नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ के बावजूद भारत का सेवा व्यापार अधिशेष वित्त वर्ष 2026 में रिकॉर्ड 205-207 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह आंकड़ा भारत की बढ़ती वैश्विक आर्थिक शक्ति का प्रतीक है।
चालू खाता घाटे में उल्लेखनीय कमी
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में देश का चालू खाता घाटा घटकर जीडीपी का मात्र 0.2 प्रतिशत (2.4 अरब डॉलर) रह गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 0.9 प्रतिशत था। यह गिरावट वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच एक सकारात्मक संकेत है।
सेवा क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन
पहली तिमाही में सेवा क्षेत्र से आय में 19.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 66.1 अरब डॉलर तक पहुंच गई। यह वृद्धि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बावजूद हासिल की गई है।
चुनौतियां और भविष्य का परिदृश्य
- अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव कपड़ा, हीरे और चमड़े के निर्यात पर
- रुपये का मूल्य 87-89 रुपये प्रति डॉलर के दायरे में रहने की संभावना
- विदेशी मुद्रा भंडार 691 अरब डॉलर के मजबूत स्तर पर
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।