पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी का निधन: एक राष्ट्रवादी नेता का अवसान
मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी का दिल्ली एम्स में निधन। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए किया संघर्ष, तीन बार रहे विधायक।

स्वर्गीय शंकरलाल तिवारी: आपातकाल के विरोधी और लोकतंत्र के प्रहरी
दिल्ली एम्स में हुआ लोकप्रिय नेता का निधन
मध्यप्रदेश की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रखर नेता और पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी का दिल्ली एम्स में निधन हो गया। वे न केवल एक जनप्रतिनिधि थे, बल्कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाले एक साहसी योद्धा भी थे, जैसा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए उनका संघर्ष प्रेरणादायक रहा।
जीवन और राजनीतिक यात्रा
8 अप्रैल 1953 को चकदही गांव में जन्मे तिवारी जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में की। बाद में उन्होंने जनकल्याणकारी नीतियों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया और सतना से लगातार तीन बार विधायक चुने गए।
आपातकाल का विरोध और कारावास
1975 में लगे आपातकाल के दौरान उन्होंने निरंकुश शासन का डटकर विरोध किया, जिसके लिए उन्हें 18 महीने तक जेल में रहना पड़ा। यह उनकी वही साहसिक भूमिका थी जो लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरणादायक रही।
विरासत और परिवार
अपने पीछे पत्नी सुषमा तिवारी, तीन बेटे और एक बेटी का परिवार छोड़ गए हैं। उनकी विरासत न केवल राजनीतिक है, बल्कि सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिए उनका संघर्ष भी प्रेरणादायक रहेगा।
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।