Health

मेरठ नगर निगम के स्वास्थ्य सेवाओं का ऐतिहासिक पतन

मेरठ नगर निगम के ऐतिहासिक स्वास्थ्य केंद्रों की दयनीय स्थिति पर विशेष रिपोर्ट। 1958 से 2024 तक का सफर, चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं।

Par आदित्य वर्मा
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Image d'illustration pour: Meerut News : एक समय था जब नगर निगम के पास खुद के क्लीनिक और अस्पताल था

मेरठ के ऐतिहासिक नगर निगम अस्पताल की जीर्ण इमारत

मेरठ में एक समय था जब नगर निगम के पास अपने स्वयं के चार अस्पताल और क्लीनिक थे, जो शहर की जनता को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते थे। लेकिन आज, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक बदलाव के बावजूद, ये संस्थान खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।

स्वर्णिम इतिहास और वर्तमान स्थिति

1958 में स्थापित ये चिकित्सा केंद्र थे:

  • सूरजकुंड स्थित संक्रामक रोग अस्पताल
  • शारदा रोड स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल
  • साकेत में होम्योपैथिक डिस्पेंसरी
  • पुरानी तहसील के पास एलोपैथिक क्लीनिक

पतन का कारण और प्रभाव

1994 में नगर विकास विभाग द्वारा इन संस्थानों को अयोग्य घोषित कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन में बदलाव के बावजूद, चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की गई।

वर्तमान चुनौतियां

आज की स्थिति में:

  • डॉक्टरों की गंभीर कमी
  • बुनियादी सुविधाओं का अभाव
  • भवनों की जीर्ण स्थिति
  • मरीजों की घटती संख्या
"डॉक्टर्स की कमी के कारण ये डिस्पेंसरी बंद हुई। सुविधाओं की भी कमी है जिस कारण से अब मरीज भी नही आते हैं।" - सौरभ गंगवार, नगर आयुक्त

भविष्य की संभावनाएं

आगामी नीतिगत परिवर्तनों के साथ, इन स्वास्थ्य केंद्रों के पुनर्जीवन की योजना पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, इसके लिए व्यापक नीतिगत सुधारों और पर्याप्त धन आवंटन की आवश्यकता होगी।

आदित्य वर्मा

आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।