मतदाता सूची विवाद: राष्ट्रीय सुरक्षा और चुनावी प्रक्रिया का सवाल
बिहार की मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों की पहचान को लेकर विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर उठे गंभीर सवाल, 68.6 लाख नाम हटाए गए।
पटना में बुधवार को कांग्रेस ने एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए बिहार की मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों की पहचान को लेकर चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं।
मतदाता सूची में महत्वपूर्ण बदलाव
अंतिम मतदाता सूची में कुल 7.42 करोड़ मतदाता दर्ज किए गए हैं, जो इस वर्ष जून में दर्ज 7.89 करोड़ मतदाताओं से लगभग 6% कम है। यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में भी महत्वपूर्ण है।
प्रमुख आंकड़े और तथ्य
- 68.6 लाख नाम हटाए गए मतदाता सूची से
- 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए
- 22 लाख मृत व्यक्तियों के नाम हटाए गए
- 36 लाख स्थायी पलायन या अनुपस्थित मतदाता
प्रशासनिक कार्यवाही पर सवाल
जैसा कि प्रशासनिक सुधारों में देखा गया है, इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल उठे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने पांच महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं।
महत्वपूर्ण चिंताएं
विशेष रूप से बिहार के विकास के संदर्भ में, मतदाता सूची में लिंग असमानता का मुद्दा भी सामने आया है। महिला मतदाताओं की संख्या में कमी चिंता का विषय है।
"एसआईआर की प्रक्रिया शुरू से ही संदिग्ध रही है। भविष्य में जब भी सरकार बदलेगी, तब इसकी सीबीआई जांच होगी और वोट चोरी का यह षड्यंत्र बेनकाब होगा।" - अभय दुबे
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।