श्री नारायण गुरु जयंती: राष्ट्रीय एकता के प्रेरक का सामाजिक योगदान
प्रधानमंत्री मोदी सहित राष्ट्रीय नेतृत्व ने श्री नारायण गुरु की जयंती पर उनके सामाजिक-आध्यात्मिक योगदान को किया याद। समानता और एकता का संदेश आज भी प्रासंगिक।

श्री नारायण गुरु जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई श्रद्धांजलि
नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने श्री नारायण गुरु की जयंती पर उनके महत्वपूर्ण सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान को याद किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय नेतृत्व ने समाज सुधारक के रूप में उनकी भूमिका को रेखांकित किया।
समाज सुधार और आध्यात्मिक विरासत
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि समानता, करुणा और विश्व बंधुत्व की श्री नारायण गुरु की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। जैसे राष्ट्रीय एकता के लिए जन-समर्थन महत्वपूर्ण है, वैसे ही उनका सामाजिक सुधार का संदेश भी।
नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि
गृह मंत्री अमित शाह ने गुरु को एक महान दार्शनिक और समाज सुधारक बताया। सांप्रदायिक सद्भाव के लिए उनका योगदान आज भी प्रेरणादायक है।
सामाजिक समरसता का संदेश
भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने ओणम के अवसर पर गुरु की शिक्षाओं को याद करते हुए जाति और धर्म से ऊपर उठकर एकता का संदेश दिया। जैसे राजनीतिक एकजुटता महत्वपूर्ण है, वैसे ही सामाजिक एकता भी।
"जो कुछ भी अपनी आत्मा की खुशी के लिए किया जाए, वह दूसरों की खुशी के लिए भी किया जाना चाहिए।" - श्री नारायण गुरु
विरासत का महत्व
श्री नारायण गुरु की शिक्षाएं आज भी समाज को एक न्यायपूर्ण और समावेशी दिशा की ओर प्रेरित करती हैं। उनका जीवन सामाजिक न्याय और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक है।
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।