यूपी चुनाव आयोग का AI विवाद पर स्पष्टीकरण
उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग ने AI विवाद और हलफनामों पर दिया स्पष्टीकरण, अखिलेश यादव के आरोपों का किया जवाब। आयोग ने अपनी भूमिका की सीमाएं की स्पष्ट।
लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदाता सूचियों में कृत्रिम मेधा (AI) के उपयोग और समाजवादी पार्टी के 18,000 हलफनामों के विवाद पर महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी किया है।
आयोग की भूमिका का स्पष्टीकरण
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि वह केवल पंचायत और नगरीय निकायों के चुनाव कराता है। यह स्पष्टीकरण राजनीतिक विवादों के बीच आया है।
अखिलेश यादव के आरोप
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आयोग पर "जुगाड़ आयोग" का आरोप लगाते हुए राजनीतिक संवाद को नया मोड़ दिया।
हलफनामों का मुद्दा
आयोग ने स्पष्ट किया कि 4 सितंबर 2025 तक किसी भी जिला निर्वाचन कार्यालय को मूल हलफनामे प्राप्त नहीं हुए हैं। यह मामला चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता से जुड़ा हुआ है।
AI का उपयोग
आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूचियों में AI के उपयोग का समाचार राज्य निर्वाचन आयोग से संबंधित था, न कि भारत निर्वाचन आयोग से।
"राज्य निर्वाचन आयोग केवल पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के निर्वाचनों से संबंधित कार्य करता है।" - मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश
आगे की कार्रवाई
आयोग ने आश्वासन दिया है कि मूल हलफनामे प्राप्त होने पर तत्काल जांच की जाएगी और जनता को अवगत कराया जाएगा।
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।