मराठा समुदाय को कुणबी प्रमाणपत्र: महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला
महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय के लिए कुणबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने की नई प्रक्रिया निर्धारित की। ऐतिहासिक दस्तावेजों के आधार पर लिया गया यह निर्णय समुदाय को देगा बड़ी राहत।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा समुदाय के लिए जारी नए जीआर का दृश्य
मुंबई में महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण शासन निर्णय (जीआर) जारी किया है। इस निर्णय के तहत पात्र व्यक्तियों को कुणबी, मराठा-कुणबी, या कुणबी-मराठा के रूप में जाति प्रमाणपत्र जारी करने की स्पष्ट प्रक्रिया निर्धारित की गई है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और महत्व
यह निर्णय मराठा आरक्षण आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। मराठवाड़ा क्षेत्र की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत को इस निर्णय का आधार बनाया गया है। सातवाहन, चालुक्य और यादव वंश के शासन काल में यह क्षेत्र सामाजिक विविधता का केंद्र रहा है।
विशेष समिति का गठन और कार्यप्रणाली
राज्य सरकार ने न्यायिक मार्गदर्शन के अनुरूप पूर्व न्यायमूर्ति संदीप शिंदे की अध्यक्षता में एक विशेष समिति का गठन किया। इस समिति ने देशभर से 7,000 से अधिक ऐतिहासिक दस्तावेजों का संकलन किया।
नई प्रमाणपत्र प्रक्रिया
- ग्राम स्तर पर तीन सदस्यीय समिति का गठन
- ग्राम महसूल अधिकारी, पंचायत अधिकारी और सहायक कृषि अधिकारी शामिल
- 13 अक्टूबर 1967 से पूर्व के निवास प्रमाण की व्यवस्था
सामाजिक समरसता का प्रयास
यह कदम राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला साबित हो सकता है। प्रमाणपत्र जारी करने की पारदर्शी प्रक्रिया से समुदाय को महत्वपूर्ण प्रशासनिक राहत मिलेगी।
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।