मराठा आरक्षण: जरांगे का मुंबई में शांतिपूर्ण आंदोलन जारी
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने मुंबई में अपना शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखने की घोषणा की। 58 लाख पंजीकरण के बावजूद कुनबी प्रमाणपत्र जारी नहीं किए गए हैं।

मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जरांगे
मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि वे किसी भी परिस्थिति में मुंबई नहीं छोड़ेंगे और अपना शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखेंगे। मराठा आरक्षण विवाद में नए मोड़ के रूप में यह घटनाक्रम सामने आया है।
दो वर्षों से जारी लोकतांत्रिक आंदोलन
जरांगे ने कहा कि उनका आंदोलन पिछले दो वर्षों से पूर्णतः शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार गरीबों की पीड़ा को नजरअंदाज कर रही है। राष्ट्रीय एकता और सामाजिक न्याय के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।
कुनबी प्रमाणपत्र का मुद्दा
जरांगे ने बताया कि अब तक 58 लाख लोगों का पंजीकरण हो चुका है, लेकिन कुनबी प्रमाणपत्र जारी नहीं किए गए हैं। उन्होंने सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने का आह्वान किया।
कानूनी पहलू और आगे की रणनीति
जरांगे की लीगल टीम ने पुलिस नोटिस का जवाब देने की तैयारी की है। एडवोकेट आशीष गायकवाड़ ने कहा कि वे कोर्ट में नियमों के पालन को साबित करेंगे। आंदोलन स्थल 95 प्रतिशत खाली है और शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है।
"यह लड़ाई शांतिपूर्ण तरीके से लड़नी है। मैं मरते दम तक मुंबई नहीं छोड़ूंगा।" - मनोज जरांगे
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।