आरएसएस की प्रशंसा: राष्ट्रीय एकता का प्रतीक या विवाद?
भाजपा सांसद भीम सिंह चंद्रवंशी ने आरएसएस को राष्ट्रवादी और सांस्कृतिक संगठन बताते हुए पीएम मोदी के बयान का समर्थन किया। विपक्ष की आलोचना को किया खारिज।

भाजपा सांसद भीम सिंह चंद्रवंशी आरएसएस की भूमिका पर करते हुए मीडिया से बातचीत
नई दिल्ली, 16 अगस्त - भाजपा सांसद भीम सिंह चंद्रवंशी ने प्रधानमंत्री मोदी के लाल किले से दिए गए भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा का समर्थन किया है।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
चंद्रवंशी ने आरएसएस को एक सौ वर्षों से राष्ट्रहित में कार्यरत एक राष्ट्रवादी और सांस्कृतिक संगठन बताया। उन्होंने 1963 का उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी आरएसएस को राष्ट्रीय परेड में सम्मिलित किया था।
सेवा और समर्पण
संसद सदस्य ने आरएसएस को त्याग और सेवा का प्रतीक बताते हुए कहा कि संगठन आपदा और संकट के समय सदैव अग्रिम पंक्ति में रहता है।
विकास का रोडमैप
प्रधानमंत्री के संबोधन में "विकसित भारत 2047" का विज़न और जीएसटी सुधारों पर विशेष ज़ोर दिया गया। राष्ट्रीय एकता और विकास के लिए महत्वपूर्ण कदमों की घोषणा की गई।
"संघ एक सम्मानित संगठन है जो देश की एकता और विकास के लिए समर्पित है।" - भीम सिंह चंद्रवंशी
विपक्ष की आलोचना पर प्रतिक्रिया
चंद्रवंशी ने विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए कहा कि कुछ दल राजनीतिक लाभ के लिए समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।