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गुरु दत्त की जन्मशती: जावेद अख्तर ने साझा की अनकही यादें

जावेद अख्तर ने गुरु दत्त की जन्मशती समारोह में साझा की अपनी यादें और बताया कैसे महान फिल्मकार ने भारतीय सिनेमा को दी दृश्यात्मक भाषा की समझ।

Par आदित्य वर्मा
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भारतीय सिनेमा के महान कलाकार गुरु दत्त की जन्मशती समारोह

मुंबई में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में प्रख्यात गीतकार जावेद अख्तर ने गुरु दत्त के साथ जुड़ी अपनी अनकही यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि किस तरह वे अपनी युवावस्था में गुरु दत्त के सहायक बनना चाहते थे।

80 वर्षीय अख्तर ने कहा, "मैंने तय किया था कि ग्रेजुएशन के बाद फिल्म इंडस्ट्री जाऊंगा और कुछ वर्षों तक गुरु दत्त साहब के साथ काम करूंगा।" यह सपना अधूरा रह गया क्योंकि जब वे मुंबई पहुंचे, उससे कुछ दिन बाद ही गुरु दत्त का निधन हो गया।

दृश्यात्मक भाषा के पायनियर

जावेद अख्तर, जिन्होंने डिजिटल माध्यम से पहले फिल्मी दुनिया में क्रांति लाई, ने बताया कि गुरु दत्त पहले ऐसे निर्देशक थे जिन्होंने दृश्यों के माध्यम से संवाद किया। भारतीय सिनेमा की विरासत में उनका योगदान अमूल्य है।

आधुनिक फिल्मकारों पर प्रभाव

फिल्मकार सुधीर मिश्रा और हंसल मेहता जैसे निर्देशकों ने गुरु दत्त से मिली प्रेरणा के बारे में बात की। आर. बाल्की ने बताया कि उनकी फिल्म 'चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट' गुरु दत्त से प्रेरित थी। कला और आलोचना के बीच के संबंध को दर्शाती है।

जन्मशती समारोह

गुरु दत्त की प्रसिद्ध फिल्मों का विशेष प्रदर्शन 8 से 14 अगस्त के बीच देशभर में किया जाएगा, जिसमें 'प्यासा', 'साहब बीबी और गुलाम' जैसी क्लासिक फिल्में शामिल हैं।

आदित्य वर्मा

आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।