बिहार में मतदाता सूची जारी, राजनीतिक दलों की चुप्पी चौंकाने वाली
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण 2025 की प्रक्रिया में राजनीतिक दलों की ओर से कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई, जबकि 90 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर सूची उपलब्ध है।

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण 2025 की प्रक्रिया के दौरान एक मतदान केंद्र
बिहार की मतदाता सूची पुनरीक्षण में राजनीतिक दलों की निष्क्रियता
नई दिल्ली, 2 अगस्त - भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) 2025 की प्रक्रिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। आयोग की रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि प्रारूप मतदाता सूची जारी होने के बाद किसी भी राजनीतिक दल ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है।
मतदाता सूची का व्यापक प्रसार
राज्य के सभी 38 जिलों में 90,712 मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची उपलब्ध कराई गई है। सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को 1 अगस्त को यह सूची प्रदान की गई, जिसमें हटाए गए मतदाताओं की अलग सूची भी शामिल है।
विशेष पहल और सुविधाएं
- 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स की नियुक्ति
- प्रत्येक प्रखंड में विशेष शिविर का आयोजन
- ऑनलाइन सत्यापन की सुविधा
- नए मतदाता पहचान पत्र का वितरण
युवा मतदाताओं का पंजीकरण
विधानसभा क्षेत्रों में नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 1-2 अगस्त के बीच 3,223 युवाओं ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मतदाता का नाम बिना उचित जांच और प्रक्रिया के नहीं हटाया जाएगा।
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।