डुमरांव विधानसभा सीट: राजनीतिक समीकरणों का विश्लेषण
बिहार की डुमरांव विधानसभा सीट पर 2025 के चुनाव में रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। जेडीयू और भाकपा माले के बीच कड़ी टक्कर की संभावना।

बिहार की डुमरांव विधानसभा सीट का राजनीतिक परिदृश्य
डुमरांव विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास और वर्तमान परिदृश्य
बिहार के बक्सर जिले में स्थित डुमरांव विधानसभा सीट 1951 से राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह सीट राजनीतिक दलों के बीच गहन प्रतिस्पर्धा का केंद्र रही है।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
1951 में पहले विधानसभा चुनाव से लेकर वर्तमान तक, इस सीट ने कई राजनीतिक दलों और नेताओं को देखा है। कांग्रेस से लेकर जेडीयू और भाकपा माले तक, विभिन्न दलों ने यहां शासन किया है, जो राष्ट्रीय राजनीति के बदलते समीकरणों को दर्शाता है।
2020 का चुनावी परिणाम
2020 के विधानसभा चुनाव में भाकपा माले के अजित कुमार सिंह ने 71,320 वोट प्राप्त कर जेडीयू की अंजुम आरा को 24,415 वोटों के अंतर से हराया। यह परिणाम क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत था।
जनसांख्यिकी और राजनीतिक समीकरण
- यादव, मुस्लिम, रविदास समुदाय की उल्लेखनीय उपस्थिति
- अति पिछड़े और भूमिहार वोटरों का महत्वपूर्ण प्रभाव
- 2024 लोकसभा चुनाव में आरजेडी की 3,581 वोटों की बढ़त
भविष्य की संभावनाएं
आगामी चुनाव में जेडीयू द्वारा ददन सिंह यादव को उम्मीदवार बनाए जाने की स्थिति में सीट का समीकरण बदल सकता है। हालांकि, मजबूत उम्मीदवार की अनुपस्थिति में भाकपा माले के लिए सीट बरकरार रखने की संभावना बनी रहेगी।
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।