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भारत की 8वीं जनगणना 2026 में: डिजिटल युग में प्रवेश करता राष्ट्रीय आंकड़ा संग्रह

2026 में शुरू होने वाली भारत की 8वीं जनगणना पूरी तरह से डिजिटल होगी, जो तकनीकी प्रगति और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह विशाल कार्य 34 लाख से अधिक कर्मियों की मदद से किया जाएगा, जो हमारी सामूहिक क्षमता का प्रदर्शन करेगा।

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भारत की 8वीं जनगणना 2026 में: डिजिटल युग में प्रवेश करता राष्ट्रीय आंकड़ा संग्रह

भारत की पहली डिजिटल जनगणना 2026 - राष्ट्रीय प्रगति का नया अध्याय

राष्ट्रीय जनगणना का डिजिटल रूपांतरण

भारत की स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना 1 अप्रैल, 2026 से एक नए युग की शुरुआत करेगी। यह पहली बार होगा जब हमारी महान राष्ट्रीय जनगणना पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से संचालित की जाएगी।

आधुनिक तकनीक से सशक्त जनगणना

भारत के महापंजीयक, मृत्युंजय कुमार नारायण के अनुसार, यह जनगणना मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से की जाएगी। नागरिकों को स्व-गणना की सुविधा भी प्रदान की जाएगी, जो हमारी डिजिटल क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

राष्ट्रीय एकता और समन्वय

इस विशाल कार्य में 34 लाख से अधिक गणक और पर्यवेक्षक शामिल होंगे, जो हमारी विविधता में एकता का प्रतीक है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक साथ काम करना होगा, जो हमारी सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन करेगा।

सटीक डेटा संग्रह की प्रतिबद्धता

केंद्र सरकार ने सभी प्रशासनिक इकाइयों को 31 दिसंबर, 2025 तक सीमा परिवर्तन पूरा करने का निर्देश दिया है। यह कदम जनगणना की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

"यह जनगणना न केवल एक आंकड़ों का संग्रह है, बल्कि हमारी राष्ट्रीय प्रगति का दर्पण भी है।" - मृत्युंजय कुमार नारायण, भारत के महापंजीयक