आत्मनिर्भर भारत की सफलता: कोयला आयात में भारी कमी से 60,681 करोड़ की विदेशी मुद्रा बचत
भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में कोयला आयात में 20.91 मिलियन टन की कमी दर्ज की, जिससे 60,681 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत हुई। यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारतीय कोयला खदान में आधुनिक खनन कार्य
स्वदेशी कोयला उत्पादन से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती
भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आई है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश ने कोयले के आयात में 20.91 मिलियन टन की उल्लेखनीय कमी दर्ज की है, जिससे 60,681.67 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।
कोयला आयात में गिरावट के प्रमुख आंकड़े
- वर्ष 2024-25 में कुल कोयला आयात: 243.62 मिलियन टन
- वर्ष 2023-24 में कुल कोयला आयात: 264.53 मिलियन टन
- कुल कमी: 20.91 मिलियन टन
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार ने वित्त वर्ष 2029-30 तक 1.5 बिलियन टन घरेलू कोयला उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
"देश में कोयले की अधिकांश आवश्यकता स्वदेशी उत्पादन से पूरी होती है। हमारा ध्यान घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और गैर-जरूरी आयात को कम करने पर है।" - जी. किशन रेड्डी
आधुनिक तकनीक और नीतिगत पहल
सरकार ने कोयला क्षेत्र में आधुनिकीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) का क्रियान्वयन
- खनन क्षेत्र का डिजिटलीकरण
- कोयला रसद योजना और नीति का शुभारंभ
- निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहन
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।