दिल्ली में कांवड़ शिविरों की संख्या बढ़कर 374: सनातन संस्कृति और सेवा का अनूठा संगम
दिल्ली सरकार ने सावन के पावन अवसर पर कांवड़ शिविरों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की है। आधुनिक सुविधाओं से युक्त ये शिविर सनातन संस्कृति और सेवा भाव का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

दिल्ली में कांवड़ शिविर का उद्घाटन करते हुए सरकारी अधिकारी और जनप्रतिनिधि
राजधानी में कांवड़ यात्रियों के लिए व्यापक व्यवस्था
नई दिल्ली में सावन के पावन महीने में एक नई परंपरा का शुभारंभ हुआ है। दिल्ली सरकार ने इस वर्ष कांवड़ शिविरों की संख्या 170 से बढ़ाकर 374 कर दी है, जो सनातन संस्कृति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सेवा भाव से युक्त आधुनिक सुविधाएं
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में प्रत्येक शिविर को एक लाख रुपए की अतिरिक्त सहायता राशि प्रदान की जा रही है। इन शिविरों में शिवभक्तों के लिए निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हैं:
- स्वास्थ्य परीक्षण और प्राथमिक उपचार
- शीतल जल और जलपान व्यवस्था
- मोबाइल चार्जिंग सुविधा
- चिकित्सकीय सहायता
- मार्गदर्शन सेवाएं
सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
"यह शिविर केवल एक विश्राम स्थल नहीं, बल्कि शिवभक्तों के लिए एक सुरक्षित और सुसज्जित पड़ाव है।" - मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
कोंडली पुल के पास स्थापित शिविर का उद्घाटन करते हुए मंत्री कपिल मिश्रा ने इसे एक असाधारण आयोजन बताया। स्थानीय विधायक रविंदर सिंह नेगी ने इस अवसर पर कहा कि 27 वर्षों के बाद दिल्ली में सनातन परंपराओं को नया सम्मान मिल रहा है।
आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।