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सावन एकादशी 2025: पाँच दिव्य योगों का विशेष संगम, आध्यात्मिक महत्व और पूजा विधि

वर्ष 2025 में सावन की पहली एकादशी सोमवार के दिन पड़ने से बन रहे हैं विशेष संयोग। कामिका एकादशी पर पांच शुभ योगों का मिलन और हरिहर की पूजा का विधान इस दिन को बना रहा है अत्यंत महत्वपूर्ण।

Par आदित्य वर्मा
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सावन एकादशी 2025: पाँच दिव्य योगों का विशेष संगम, आध्यात्मिक महत्व और पूजा विधि

सावन मास की पहली एकादशी पर विशेष पूजा करते श्रद्धालु

सावन की पहली एकादशी का विशेष महत्व

सावन मास की प्रथम एकादशी, जो कामिका एकादशी के नाम से विख्यात है, वर्ष 2025 में एक विशेष संयोग लेकर आ रही है। यह पवित्र तिथि सोमवार को पड़ने से इसका आध्यात्मिक महत्व द्विगुणित हो गया है।

कामिका एकादशी की विशेषताएं

  • भगवान विष्णु और शिव की युगल आराधना का पावन अवसर
  • सोमवार का विशेष संयोग
  • पांच शुभ योगों का अद्भुत मिलन
  • आध्यात्मिक उन्नति का विशेष दिन

पूजा का महत्व और लाभ

इस दिव्य अवसर पर की गई पूजा और व्रत का विशेष महत्व माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन की गई आराधना से:

  • जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है
  • मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
  • भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है
सावन मास की इस विशेष एकादशी पर हरिहर की पूजा से सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों लाभ प्राप्त होते हैं।

आदित्य वर्मा

आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।