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आगरा में स्थापित होगा 111 करोड़ का वैश्विक कंद फसल अनुसंधान केंद्र

आगरा में 111.50 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाला अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र उत्तर प्रदेश को दक्षिण एशिया का आलू इनोवेशन हब बनाएगा और किसानों की आय बढ़ाएगा।

Par आदित्य वर्मा
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Image d'illustration pour: मुख्यमंत्री योगी की पहल लाई रंग, आगरा बनेगा कंद फसलों का वैश्विक इनोवेशन सेंटर, 111.50 करोड़ होगा खर्च

आगरा में स्थापित होने वाले अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र का प्रतीकात्मक चित्र

उत्तर प्रदेश के आगरा में एक नई कृषि क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सिंगना गांव में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (CSARC) स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए केंद्र सरकार ने ₹111.50 करोड़ की मंजूरी दे दी है।

वैश्विक अनुसंधान केंद्र का महत्व

योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का मुख्य उद्देश्य आलू, शकरकंद और अन्य कंद फसलों पर विश्वस्तरीय अनुसंधान करना है। यह केंद्र न केवल उत्तर प्रदेश को दक्षिण एशिया का आलू इनोवेशन हब बनाएगा, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि करेगा।

केंद्र के प्रमुख फोकस क्षेत्र

  • बीज इनोवेशन और उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों का विकास
  • एपिकल रूटेड कटिंग और कीट प्रबंधन
  • जर्मप्लाज्म संरक्षण
  • किसानों के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता

उत्तर प्रदेश की आलू उत्पादन क्षमता

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। वर्ष 2024-25 में राज्य ने 6.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में 244 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन किया, जो देश के कुल आलू उत्पादन का 35% है। इस डिजिटल युग में कृषि क्षेत्र में भी नवीन तकनीकों का समावेश आवश्यक हो गया है।

"यह केंद्र प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने, प्रोसेसिंग उद्योग को सशक्त करने और प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय कृषि हब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा," - योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

अंतरराष्ट्रीय सहयोग

CIP पेरू के महानिदेशक डॉ. सिमोन हेक के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर परियोजना की प्रगति पर चर्चा की। केंद्र ICAR, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और निजी कृषि कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगा।

आदित्य वर्मा

आदित्य वर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत, समसामयिक घटनाओं और नैतिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हैं। उनकी लेखनी शांति, एकता और न्याय जैसे मूल्यों को उजागर करती है, और सम्राट अशोक की प्रेरणा से आत्मिक गहराई पाती है।